डीएम ने साधन सहकारी समितियों का किया औचक निरीक्षण, किसानों को समय से खाद उपलब्ध कराने के दिये निर्देश
उर्वरकों की कालाबाजारी या जमाखोरी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध होगी कड़ी कार्रवाई- जिलाधिकारी

जिलाधिकारी ने साधन सहकारी समितियों का किया औचक निरीक्षण, किसानों को समय से खाद उपलब्ध कराने के दिये निर्देश
उर्वरकों की कालाबाजारी या जमाखोरी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध होगी कड़ी कार्रवाई-जिलाधिकारी
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने आज किसानों को उचित दर पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जनपद के विभिन्न साधन सहकारी समितियों एवं खाद बीज दुकानों का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी विकास खण्ड सदर के अंतर्गत साधन सहकारी समिति कादीपुर (अचलपुर), त्रिपाठी ट्रेडर्स प्राइवेट खाद बीज दुकान दीवानगंज, ब्लॉक बाबा बेलखरनाथधाम की साधन सहकारी समिति जगदीशगढ़ तथा ब्लॉक मंगरौरा की साधन सहकारी समिति (बी-पैक्स) उतरास पहुंचे। उन्होंने समितियों पर उपलब्ध खाद की मात्रा, स्टॉक रजिस्टर, वितरण पंजिका, प्वाइंट आफ सेल मशीन में दर्शित स्टाक एवं किसानों को जारी उर्वरक की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया।
जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार एवं एआर कोऑपरेटिव देवेंद्र बर्मन को निर्देशित किया कि उर्वरक वितरण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए और किसी भी किसान को खाद प्राप्त करने में असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि उर्वरक की मांग बढ़ने के इस मौसम में किसानों को समय से उचित दर पर खाद उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी सहकारी समितियां एवं खाद विक्रेता स्टॉक की अद्यतन जानकारी समय-समय पर पोर्टल पर अपलोड करें तथा किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या जमाखोरी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने किसानों से संवाद करते हुए उनकी समस्याएं भी जानीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है ताकि फसलों की बोआई के समय किसी को खाद की कमी का सामना न करना पड़े।
डीएम ने त्रिपाठी ट्रेडर्स प्राइवेट खाद बीज दुकान दीवानगंज के निरीक्षण में दुकान पर उपलब्ध खाद के स्टॉक रजिस्टर, कैश मेमो, विक्रय अभिलेख तथा उर्वरक वितरण की व्यवस्था का गहनता से परीक्षण किया और निर्देशित किया कि सभी प्रकार की विक्री निर्धारित दरों पर ही की जाये और किसी भी किसान से अधिक मूल्य वसूला न जाये। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि कहीं भी अनियमितता पायी जाये तो तत्काल कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।




